Dantela Cg Movie :- जल संरक्षण पर आधारित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म

    Dantela:- जल संरक्षण पर आधारित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्मDantela:- जल संरक्षण पर आधारित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म

 

दंतेला जल संरक्षण पर आधारित बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म दतेला 21 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हॉरर-ड्रामा जॉनर की फिल्म दंतेला 5 अन्य भाषाओं हिंदी, ओडिया, भोजपुरी, तमिल और तेलुगु में बाद में रिलीज होगी। फिल्म के ट्रेलर रिलीज से पहले टीजर और गाने पूरे मध्य भारत में धमाल मचाए हुए है। फिल्म के गीत-संगीत ठेठ छत्तीसगढ़ी विधा में रचे गए हैं, जो कि फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण है।

दंतेला के लेखक व निर्देशक :- 

फिल्म दंतेला के लेखक व निर्देशक डॉ. शांतनु पाटनवार (शानू) हैं। शानू का जन्म रायगढ़ में हुआ है और प्राथमिक शिक्षा भी कार्मेल स्कूल में हुई है। इनके पिता सिद्धेश्वर पाटनवार सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। शांतनु को बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर और बेस्ट डायलॉग राइटर का छत्तीसगढ़ी फिल्म अवार्ड मिला है। शानू ने 2021 में आई छत्तीसगढ़ी फिल्म कुरुक्षेत्र का निर्देशन किया था। केजीएफ 2 के शूटिंग को देखने के लिए उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था।

फिल्म में प्रोफेशनल डॉक्टर्स कर रहे हैं एक्टिंग :-

अपनी बचत लगाकर फिल्म का निर्माण किया है। संभवत यह देश की पहली फिल्म होगी जिसमें प्रोफेशनल डॉक्टर्स कैमरा थामे, संगीत देते, एक्टिंग करते व प्रोड्यूस करते नजर आ रहे हैं।

फिल्म की पूरी टीम में छत्तीसगढ़िया लोग ही हैं सिर्फ लीड एक्ट्रेस राया डिंगोरिया मुंबई से हैं। इनके अलावा एक्टर विशाल, डॉ. राज दीवान, ज्योत्सना, वीना सेंद्रे, अनिल सिन्हा, अमन सागर प्रमुख भूमिका में हैं। अंकित काठले व रवि पटेल के संगीत ने फिल्म में स्थानीयता भरी है। ऋषभ सिंह ठाकुर ने फिल्म के कुछ गाने लिखे व कंपोज किए हैं। प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गायक संतोष यादव ने अपनी दमदार आवाज दी है। डॉ. शांतनु ने भी फिल्म के गाने लिखे हैं।

कहाँ हुई फिल्म कि शूटिंग :-

दंतेला की कहानी बलरामपुर के चरचरी गांव की है जहां फिल्म के कुछ हिस्से फिल्माए गए हैं बाकी फिल्म का ज्यादातर हिस्सा रायपुर के समीप खमतराई में शूट किया गया है। वहां चरचरी गांव को रिक्रिएट किया गया और सालभर की शटिंग में दंतेला बनी।

 

शूटिंग रही चुनौतीपूर्ण दंतेला की शूटिंग :-

दंतेला की अधिकतर शूटिंग खमतराई में हुई। जहां बीते साल पारा 46 डिग्री पर कुछ दिन तक ठहर गया था। फिल्म में ठेठ ग्रामीण परिवेश को दिखाना था जहां के लोगों के पैर में चप्पल नहीं होते। नंगे पैर शूटिंग में सभी कलाकारों के पैरों में छाले पड़ गए। वहां पंखा भी काम नहीं कर रहा था। डिहाइड्रेशन का शिकार तो लगभग सभी हुए। फिर इसके बाद बारिश हुई तो हरियाली में सूखे के शॉट लेने में शूटिंग में देरी हुई और बजट भी बढ़‌ता गया। क्राउड फडिंग से बन रही फिल्म में बजट की दिक्कत भी आई लेकिन टीम सभी पेरशानियों से धीरे-धीरे बाहर निकली।

Leave a comment